Hindi Shayari 2021


दर्द सुनाया करता हैं...

काग़ज़ काग़ज़ हर्फ़ सजाया करता है,
तन्हाई में शहर बसाया करता है,
कैसा पागल शख्स है सारी-सारी रात,
दीवारों को दर्द सुनाया करता है,
रो देता है आप ही अपनी बातों पर,
और फिर खुद को आप हंसाया करता है।


तेरे प्यार करने की अदा...

मेरे दिल ने जब भी दुआ माँगी है,
तुझे माँगा है तेरी वफ़ा माँगी है,
जिस मोहब्बत को देख के दुनिया को रश्क आये,
तेरे प्यार करने की वो अदा माँगी है।


सर्द रातों में जुदाई... 

सर्द रातों में सताती है जुदाई तेरी,
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी,
तू तो कहता था बिछड़ के सुकून पा लेंगे,
फिर क्यों रोती है मेरे दर पे तन्हाई तेरी।


एक बार पुकारेंगे तुम्हे...

तुम सुनो या न सुनो, हाथ बढ़ाओ न बढ़ाओ,
डूबते-डूबते एक बार पुकारेंगे तुम्हें।

-------------------------------------

मेरे होने में किसी तौर से शामिल हो जाओ,
तुम मसीहा नहीं होते हो तो क़ातिल हो जाओ।

-------------------------------------

ज़मीं छूटी तो भटक जाओगे ख़लाओं में,
तुम उड़ते उड़ते कहीं आसमाँ न छू लेना।

-------------------------------------

बड़ी घुटन है, चराग़ों का क्या ख़याल करूँ,
अब इस तरफ कोई मौजे-हवा निकल आये।

ज़ख्मो की बहार...

तुमने जो दिल के अँधेरे में जलाया था कभी,
वो दिया आज भी सीने में जला रखा है,
देख आ कर दहकते हुए ज़ख्मों की बहार,
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है।


याद में बेगाने अश्क़...

मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं,
तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले।


निकल पड़े आँसू...

जब जब तुमसे मिलने की उम्मीद नजर आई,
तब तब मेरे पैरों में ज़ंजीर नजर आई,
निकल पड़े इन आँखों से हजारों आँसू,
हर आँसू में आपकी तस्वीर नजर आई।


अश्क़ रवां चले...

आँखों में कौन आ के इलाही निकल गया,
किस की तलाश में मेरे अश्क़ रवां चले।


हँसती आँखों में आँसू...

रोने की सज़ा है न रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते हैं तो आँखों से निकलते हैं आँसू,
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।


आँसू लेके आँखों में...

आँखों में आँसू लेके होठों से मुस्कुराये,
हम जैसे जी रहे हैं कोई जी के तो बताये।


मोहब्बत की तो आँसू गिरे...

मुझको लूट कर जाने वाले चले गए,
मेरी आँखों से नींद चुरा कर ले गये,
मोहब्बत की दिल से... तो आँसू गिरे,
लोग उन्हें मोती समझकर उठा ले गये।


आफताब की गर्मी से...

आफताब की गर्मी से दरिया का पानी ख़त्म नहीं होता,
लैला के इंकार से मजनू का जज़्बा कम नहीं होता,
फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त,
किसी भी हाल में अश्कों का बहना काम नहीं होता।

अश्कों की मिलावट...

मेरे ख़त में जो भीगी भीगी सी लिखावट है,
स्याही में थोड़ी सी मेरे अश्कों की मिलावट है।

रुकते नहीं हैं आँसू...

कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ,
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ,
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आँसू,
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।

Comments

Popular posts from this blog

Hindi Shayari ( हिंदी शायरी )